वह अब भी वहीं है - 7

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भाग - 7 समीना मुझे लगता है कि, तुम सामने होती तो कछाड़ मारने वाली बात बिल्कुल न समझ पाती। क्योंकि तुम तो सहारनपुर की थी, हमारे बड़वापुर में यह शब्द प्रयोग होता है। होता क्या है कि, इसमें औरत किसानी आदि का काम करते समय अपनी धोती का एक सिरा दोनों पैरों के बीच से खींचकर पीछे कमर में कसकर खोंस लेती हैं। जिससे काम करते समय धोती बाधक नहीं बनती। यहां महाराष्ट्र में कछाड़मार धोती पहनकर एक लोक-नृत्य भी होता है। तो उस ड्रेस में वह छरहरी महिला एकदम अलग ही तरह की दिख रही थी। उसकी पूरी