हमारे समाज में लड़की को कभी प्यार तो कभी तिरस्कार से चुड़ैल कह देने की परंपरा है पर इसका अर्थ कदापि नहीं होता कि लड़की के पैर पीछे की ओर मुड़े होते हैं या वह किसी पर सवार होकर सताती है बल्कि केश न सँवारने ,गंदा-संदा रहने या शरारती होने पर भी उसे यह उपाधि दे दी जाती है पर निश्चित रूप से 'चुड़ैल' शब्द अच्छा अर्थ नहीं देता ।चुड़ैल के मुकाबले 'भूत' शब्द कम भयावह होता है । भूत से बने मुहावरे भी खराब अर्थ नहीं देते जैसे 'भूत की तरह काम करना' अर्थात शीघ्रता से काम करना या