(16) “मैं इसे जल्द से जल्द होश में लाना चाहता हूँ ।” हमीद ने कासिम की ओर संकेत कर के कहा । “बेहोशी का कारण मालूम हुये बिना मैं क्या कर सकूँगी ।” “किसी ने मेरे चेहरे पर कोई तरल पदार्थ फेंका था ।” हमीद ने कहा और मैं बेहोश हो गया । “मैं इसकी बेहोशी का कारण पूछ रही थी ?” “इसके साथ भी वही किया गया होगा ।” रीमा के चेहरे पर चिंता के लक्षण और गहरे हो गये । “क्या सोचने लगी ?” हमीद ने टोका । “अब मेरी भी बुध्धि भी काम नहीं कर रही है