रीगम बाला - 8

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(8) “तुम झूठ बोल रहे हो ।” हमीद ने कहा “मुझे हर हाल में मरना है – फिर मैं अपने चीफ का जीवन क्यों खतरें में डालूँ – नहीं नहीं मैं अपने चीफ का पता नहीं बता सकता – तुम शौक से मुझे मार डालो ।” विदेशी किसी सोच मैं पड़ गया, फिर कबालियों की ओर मुड़ कर किसी प्रकार का संकेत किया । दो आदमी आगे बढ़े और उन्होंने हमीद को खोलना आरंभ कर दिया । पल भर में वह आजाद था, रीमा जहाँ रुकी थी वहीँ अब भी खाड़ी थी और कटार उसके हाथ में थी । “लड़की