पलाश वन में अगर किसी घोड़े की पीठ पर बंदर और बंदर के सिर पर कौवा बैठा दिख जाए तो इसका मतलब है कोई मुसीबत में है और यह तिकड़ी उसे बचाने के लिए जा रही है.बरसों पहले टपटप घोड़े, जंपू बंदर और तेज कौवे ने मिलकर यह टीम बनायी थी. अब तक वे कई पशु-पक्षियों की जान बचा चुके थे और अनेक खतरों को टालने में कामयाब हुए थे.दरअसल तेज कौवे का एक व्यापक सूचना तंत्र था, जिसमें जंगल के सभी कौवेतथा चमगादढ़ व उल्लू सहित दूसरे पक्षी शामिल थे. जंगल में जैसे ही कोई दुर्घटना घटती, ये पक्षी फौरन तेज कौवे के पास खबर पहुंचा देते. तेज कौवा तुरंत