हास्य लघुकथा (ये केवल एक काल्पनिक कहानी है जो केवल पाठकों के मनोरंजन के लिये ही लिखी गई है )बहुत से किस्से हमारी ज़िंदगी में ऐसे होते हैं जो बाद में याद करने पर मन गदगद हो जाता है ।हमारे पड़ोसी को कुत्ते पालने का बड़ा शौक था। और मुझे कुत्तों से उतना ही डर लगता था। मैं उन्हें कयीं बार कह भी चुका था कि आप कुत्ते पालने का शौक याँ तो छोड़ दीजिये याँ सोसायटी बदल लीजिये। हमारी दोनों में इस बात को लेकर कयीं बार बहस हो चुकी थी, लेकिन हम दोनों एक से ही लीचड़ और ढीठ