अभिव्यक्ति की स्वतन्त्रता हर आजाद देश के नागरिक का हक है और हर हाल में उन्हें यह स्वतन्त्रता मिलनी चाहिए। पर कुछ समय पूर्व ‘पोर्न साइट्स पर प्रतिबन्ध’ को लेकर अभिव्यक्ति की स्वतन्त्रता का जो प्रश्न उठाया गया, वह कहाँ तक वाजिब है ?अभिव्यक्ति जब दूसरों के शोषण का आधार बनने लगे तब खतरनाक हो जाती है |पोर्न साइट्स में स्त्री व बच्चों के साथ जिस तरह का अमानवीय व्यवहार किया जाता है,वह चिंताजंक है ।पर हमारे बहुत से बुद्धिजीवी इसे अभिव्यक्ति की स्वतन्त्रता मानते हैं आश्चर्य की बात है कि तसलीमा नसरीन और एफ एम हुसेन पर नग्नता का