बात बहुत पुरानी तो नहीं है। मकरसंक्रांति का दिन था, मैं पतंगे उड़ाने के लिए डोर और पतंगें ले कर छत पर आ गया । चूंकि फ्लैट्स में छत कॉमन ही होती है, तो वहां एक लड़का और भी था जो पहले से पतंग उड़ा रहा था।मैंने अपनी पतंगों को एक तरफ कोने में रखा और लगा पतंग उड़ाने। मेरी पतंग जब हवा से बातें करने लगी तो मैंने देखा वही मेरी छत वाला लड़का अपनी पतंग को मेरी पतंग के पास लाकर पेंच लड़ाने की कोशिश कर रहा था। ये देख कर मुझे भी खुन्नस आयी और डोर को