मिड डे मील - 14

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तुम हो हरिहर? तुम्हें ही पैसे देने में देर हों गयी थीं। लो मूलचंद सेठ ने दिए हैं। उन्होंने नोटों की गड्डी पकड़ाते हुए कहा। किसलिए ? हरिहर ने रुपए नहीं पकड़े, वो तुम्हारा बेटा गुज़र गया था न, बस सेठ तुम्हारी मदद करना चाहते हैं। उन्होंने कंधे पर हाथ रखकर कहा। मगर ये रुपए मुझे नहीं चाहिए। और कौन है, यह मूलचंद सेठ? उसने ने कंधे से हाथ हटाते हुए पूछा। मेरा नाम हीरा हैं। और मैं उनका ख़ास आदमी हूँ और सेठ वही हैं, जो स्कूल वगैरह में खाना सप्लाई करते हैं। उन्हें दुःख है कि तुम्हारे साथ