उबड़-खाबड़ जिंदगी

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अभी दो दिन पहले खबर मिली कि हर्षिता के पति का देहांत हो गया।यह तो नहीं कह सकती कि यह खबर सुनकर मैं सकते में आ गई क्योंकि यह तो सम्भावित ही था।बल्कि कटु सत्य तो यही है कि उसके संघर्ष का फिलहाल समापन हो गया।किसी को भी मेरे ऐसे विचार जानकर अजीब प्रतीत हो सकता है लेकिन पूरा वाकया जानकर आप स्वयं फैसला ले सकते हैं कि क्या मैं गलत कह रही हूँ? हर्षिता सिंह और मैं दोनों ने साथ ही एमडी स्त्रीरोग में प्रवेश लिया था।मुझे हॉस्टल में रहने की इच्छा नहीं थी इसलिए मैंने दो कमरे के एक