स्वर्ण मुद्रा और बिजनेसमैन - भाग 4

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एक दिन सब काम निपटा के मैं जरा किसी काम से थोड़ी दूर स्थित एक मार्केट की तरफ चला. उस दिन ड्राइवर की छुट्टी थी अतः मैं खुद ही अपनी मर्सिडीज़ कार ड्राइव कर रहा था. हालांकि ड्राइविंग में मेरा हाथ पूरा सेट है. मैं अच्छी ड्राइविंग जानता हूं. लेकिन अचानक उस दिन ड्राइविंग करते - करते बार-बार मेरी आंखों के सामने अंधेरा सा छाने लगा. अचानक सामने से आते एक बड़े से ट्रक से मेरी कार की भिड़ंत हो गई. उसके बाद मुझे कुछ याद ना रहा. कुछ देर बाद मेरी आंखें खुली तो मैंने देखा की सब कुछ