स्वर्ण मुद्रा और बिजनेसमैन - भाग 3

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मैं एक बहुत दयालु व्यक्ति हूं. एक बार में प्रयागराज कुंभ के मेले में गया. वहां मुझे एक बहुत ही बुरी अवस्था में एक वृद्ध व्यक्ति मिला. वृद्ध व्यक्ति फटे हुए कपड़े पहने हुए था. उसकी दाढ़ी बढ़ी हुई थी और सर के बाल भी बढ़े हुए थे. वह बहुत गंदा दिख रहा था. वह बहुत बीमार था और एक सड़क के किनारे पड़ा हुआ था. मुझे उस पर दया आ गई. मैं एक गाड़ी बुक करके उसे उस में बिठा कर अपने घर ले आया. मैंने उसके बाल, दाढ़ी आदि कटवा कर उसे स्नान आदि करवाया और उसे अच्छे