गुनाहों का देवता - 21

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भाग 21 ''खाओ न!'' सुधा ने कहा और एक कौर बनाकर चन्दर को देने लगी। ''तुम जाओ!'' चन्दर ने बड़े रूखे स्वर में कहा, ''मैं खा लूँगा!'' सुधा ने कौर थाली में रख दिया और चन्दर के पायताने बैठकर बोली, ''चन्दर, तुम क्यों नाराज हो, बताओ हमसे क्या पाप हो गया है? पिछले डेढ़ महीने हमने एक-एक क्षण गिन-गिनकर काटे हैं कि कब तुम्हारे पास आएँ। हमें क्या मालूम था कि तुम ऐसे हो गये हो। मुझे जो चाहे सजा दे लो लेकिन ऐसा न करो। तुम तो कुछ भी नहीं समझते।'' और सुधा ने चन्दर के पैरों पर सिर