गाई द मोपासां की कहानी ‘सिमॉन’स पापा’ का हिन्दी अनुवाद बारह बजे थे। स्कूल का दरवाजा खुला और जल्दी से बाहर निकलने की फ़िराक़ में एक-दूसरे को धकियाते बच्चे बाहर निकले। लेकिन शीघ्रता से तितर-बितर होने और खाने के लिए घर जाने की बजाय, जैसा कि उनका प्रतिदिन का रूटीन था, वे कुछ दूर जाकर रुक गए और ग्रुपों में बँटकर कानाफूसी करने लगे। बात यह थी कि उस दिन ला बलैंचटे का पुत्र सिमॉन पहली बार स्कूल आया था। उन सभी बच्चों ने अपने-अपने परिवार में ला बलैंचटे के बारे में सुना हुआ था; और यद्यपि सार्वजनिक रूप से