देहखोरों के बीच - भाग - छह

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भाग छहमैं आज तक नहीं समझ पाई कि जो औरतखोर होते हैं, उनकी अपनी बहन -बेटियों के प्रति कैसी दृष्टि होती है?हमारे समय में तो बहन- बेटियाँ बाप -भाइयों से दूर ही रहती थीं।किशोर उम्र के बाद उनके सामने पर्दे की हद तक ढकी -मुंदी बिना सिंगार -पटार के ही आती थीं।उनके बीच एक गरिमामय दूरी हमेशा बनी रहती थी,पर आज स्थिति बदल चुकी है ।आधुनिकता ने पुरानी सारी बंदिशें हटा दी हैं ।अब तो जवान -जहान बहन -बेटियां भी बाप -भाइयों के पीठ पर चढ़ी रहती हैं।छोटे फैशनेबल ड्रेस पहने उनके साथ बाहर आती- जाती हैं।एक- दूसरे को गले