भाग तीनगाड़ी तेजी से गोरखपुर की ओर भागी जा रही थी।उसमें बैठे सभी लोग तनाव में थे।अर्चना और उसकी माई को अपने प्राणों का भय था तो अंजना के घरवालों को कुल- खानदान की नाक कट जाने की चिंता।जब सड़क के दोनों तरफ इमली के विशालकाय वृक्ष दिखाई देने लगे तो पता चला कि गोरखपुर आ गया।गोरखपुर इतना छोटा शहर भी नहीं है कि आसानी से उस जगह का पता चल जाए,जहां रात -भर दोनों लड़कियां ठहरी थीं।दिमाग पर बहुत जोर देने पर अर्चना को याद आया कि पहाड़ी ने कूड़ाघाट नाम लिया था।वे लोग कूड़ाघाट पहुंचे।वहाँ की कई गलियों