गोस्टा तथा अन्य कहानियां लेखक –श्री राजनारायण बोहरे एक पाठक की प्रतिक्रिया स्वतंत्र कुमार सक्सेना कहानी संग्रह में बारह कहानियां हैं एक बार पढ़ना शुरू करने पर किताब हाथ से नहीं छूटती ।मैने इसे पीछे से पढ़ना शुरू किया। क्योंकि शीर्षक कहानी वहीं थी । मेरी अज्ञानता पर मुझे शर्म आई कि ‘गोस्टा‘ का मतलब मुझे कहानी पढ़ने के बाद मालूम पड़ा। मेरा घमंड भी दूर हो गया कि’ बुंदेल खंड का होने के कारण मैं बुंदेली में तो परफैक्ट हूं।‘साथ ही एक पुरानी सहकारी परम्परा से परिचय हुआ जो लुप्त हो गई है हम पढ़े लिखे आधुनिक