बद्री विशाल सबके हैं - 4

  • 4.7k
  • 2.2k

बद्री विशाल सबके हैं 4 कहानी स्‍वतंत्र कुमार सक्‍सेना भीड़ ज्‍यादा नहीं थी सर्दी का समय था अत:कम लोग थे ।वे तनाव में आ गए । पंडा जी अतिव्‍यस्‍त थे थोड़ा समय मिलते ही डा. साहब के करीब आए धीरे से बोले –‘रिलेक्‍स डोन्‍ट बी टेन्‍स ।‘ वे थोड़ा सहज हुए ।पर संकोच में थे ।तब तक पंडा जी का बेटा उनसे बोला –‘सर डोन्‍ट बॉदर यहां कोई किसी को नहीं देखता सब अपने में डूबे हुए हैं ।आराम से खड़े हों हाथ जोड़ लें भगवान के दर्शन करें ।‘ तब तक डा. शैलजा अहमद