मौत का खेल - भाग-25

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मेंबरशिप अबीर फंटूश रोड पर कार में बैठे-बैठे उकता गया था। उसने मेजर विश्वजीत को एक भद्दी सी गाली दी और कार को स्टार्ट कर दिया। वह यहां तक मेजर विश्वजीत और रायना का पीछा करते हुए आया था। उसे गेट पर ही रोक दिया गया था। उसका मूड इस वक्त बहुत खराब था। वह यहां से सीधे अपने ऑफिस गया। अपने चैंबर में पहुंचते ही वह कुर्सी पर बैठ गया और ग्लास उठा कर पानी पीने लगा। यह एक बड़ा सा हाल था, जिसमें उस का ऑफिस था। इसे ऑफिस की जगह दीवानखाना कहना ज्यादा मुनासिब होगा। इसमें आराइश