प्यार की निशानी - भाग-7 - अंतिम भाग

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प्यार की निशानी अंतिम भाग मंजू ने यह बात अपनी सास को बताई तो वह भी सुन कर बहुत खुश हुई “अरे वाह बहू, तेरी सहेली तुझे फिर से मिल गई। यह तो कमाल की बात है । चलो तुम्हें फिर से अपनी सखी का साथ मिल गया। अच्छा लगा सुनकर। “ अब तो दोनों परिवारों में खूब मेलजोल बढ़ गया था। मंगला का साथ पाकर मंजू फिर से खिल उठी थी। अपनी बहू को इतना खुश देख कर मंजू की सास भी कम खुश ना थी। आज मंगला का जन्मदिन था। स्कूल आते ही मंजू ने उसे गले लग