मौत का खेल - भाग-23

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सिंड्रेला इंस्पेक्टर कुमार सोहराब ने जब बूढ़े को मोबाइल पर कपड़े की तस्वीर दिखाई तो उसने उस पर एक नजर डालते हुए कहा, “हमारे लिए यह बता पाना बहुत मुश्किल है। यहां हर दिन सैकड़ों कपड़े सिलने के लिए आते हैं। कपड़ों के कोई चेहरे तो होते नहीं कि याद रह जाएं!” बूढ़े मैनेजर की बात सुनने के बाद सोहराब ने उसे टैग का फोटो दिखाते हुए कहा, “यह टैग तो आपके यहां का ही है न....?” बूढ़े ने टैग को ध्यान से देखते हुए कहा, “जी हां! इस टैग की डिजाइन हमने दो साल पहले तब्दील की थी। उसके