समीक्षा आड़ा वख्त उपन्यास लेखक श्री राज नारायण बोहरे उपन्यास ग्रामीण पृष्ठ भूमि पर एक किसान शिवस्वरूप व उनके छोटे भाई स्वरूप के बारे में है। शिवस्वरूप जिन्हें बड़ा भाई होने के कारण दादा से कई बार सम्बोधित किया जाता है एक कर्मठ आदर्श वादी परिवार के प्रति जिम्मेदार किसान हैं । स्वरूप के पिता जी क्षय रोग से पीडि़त होने के कारण असमय चल बसे स्वरूप व उसकी बहिन सुभद्रा को उसके बड़े भाई दादा ने पाला व संरक्षण दिया जो कि स्वयं उस समय किशोरावस्था में ही थे ।उपन्यास के प्रारंभ में ही स्वरूप अपनी ओवरसियर के