दिसंबर की भयंकर सर्दियां पड़ रही थी। २० दिसंबर की सुबह वातावरण में अन्य दिनों की भांति बहुत ज्यादा सर्दी थी और कोहरा भी घना था।रुस्तम भाई का नियम था कि वह सुबह छः बजे अपना बिस्तर छोड़ देते थे। उनकी अत्यंत रूपवती पत्नी प्राय: सात बजे सोकर उठती थी।अन्य दिनों की भांति उस दिन भी वे छ: बजे नींद से जागे।उन्होंने धीरे से रजाई को हटाने का प्रत्यन किया ताकि उनकी पत्नी की नींद न खुल जाए तो उन्होंने रजाई में कुछ गीलापन महसूस किया। रुस्तम भाई ने थोड़ा विचलित होकर टेबल लैंप का स्विच ऑन किया और रजाई को