हरियाली तीज - कविता

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कविताएं-------------1)हरियाली तीज-------------------हरियाली तीज आ गईसुहागन के मन को भा गईसावन की छटा निराली हैप्रियतम को भी भा गई ।रखती है सुहागन उपवासपिया रहे हमेशा उसके पासउसकी उम्र की माँगती दुआसोलह सिंगार करती खास।झूलों पर इठलाती हैंसावन के गीत गाती हैंपिया बसे रहे मन मेंयह कहकर मुस्कुराती है।आभा दवे2)सावन की खुशियाँ /आभा दवे --------------------सावन के आते हीछा जाती है खुशियाँसखियों संग झूला झूलतीशहर,गाँवों की गोरियाँ ।मेहंदी रचाती हाथों मेंरंग बिरंगी ओढ़े चुनरियागालों की लाली बतलातीउनके चेहरों की बोलियाँ ।आँखों में सपने सजते साजन केमाथे पर होता बिंदिया का श्रृंगारहाथों की चूड़ियाँ पैरों की पायलपुकारती पिया मिलन की आस।सावन के बादल प्रीत जगातेधरती