लाश की वापसी शरबतिया हाउस में लाश वैसे ही रखी हुई थी और रायना शव को लेने के लिए तैयार नहीं थी। कोतवाली इंचार्ज मनीष ने रायना को समझाते हुए कहा, “मैडम यह लाश डॉ. वीरानी साहब की ही है। हम ने तस्दीक कर ली है।” “इंस्पेक्टर तुम मुझे मत समझाओ। मैं बिना सबूत के कैसे मान लूं कि यह डॉ. वीरानी की ही लाश है। मैंने उनके साथ कई साल बिताए हैं। तुम मुझे मत बताओ कि यह वही हैं।” रायना ने खुश्क लहजे में कहा। “मैडम डॉ. वीरानी के कान की तरह ही लाश का एक कान कटा