कृष्णा कृष्णा था तो पिछड़े वर्ग से किंतु ईश्वर ने उसके दिमाग में बुद्धि कूट कूट कर भरी थी। वह जितना बुद्धिमान था उतना ही सहृदयी और परोपकारी भी था। धर्मपरायणता, सुसंस्कार व मुस्कुराहट उसकी पहचान थी। श्याम वर्ण होने के कारण ही शायद उसका नाम कृष्णा रखा गया था। एक तो साँवला और दूसरा उसका भेंगापन अर्थात दुबले और दो आषाढ़ जैसा दुर्योग था उसके जीवन में। यदा-कदा लोग उसे काला कौआ कहकर चिढ़ाते तब कृष्णा सबके कटाक्ष सहजता से झेल लेता, कभी उत्तेजित नहीं होता था, जिससे लोग अक्सर चिढ़ाए जाने के बावजूद