गुनाहों का देवता - 10

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भाग 10 'हाँ-हाँ, बताया था। उसे जरूर खत लिख दो!' सुधा ने पोस्टकार्ड देते हुए कहा, 'तुम्हें पता मालूम है?' चन्दर जब पोस्टकार्ड लिख रहा था तो सुधा ने कहा, 'सुनो, उसे लिख देना कि पापा की सुधा, पापा की जान बचाने के एवज में आपकी बहुत कृतज्ञ है और कभी अगर हो सके तो आप इलाहाबाद जरूर आएँ!...लिख दिया?' 'हाँ!' चन्दर ने पोस्टकार्ड जेब में रखते हुए कहा। 'चन्दर, हम भी सोशलिस्ट पार्टी के मेम्बर होंगे!' सुधा ने मचलते हुए कहा। 'चलो, अब तुम्हें नयी सनक सवार हुई। तुम क्या समझ रही हो सोशलिस्ट पार्टी को। राजनीतिक पार्टी है