गुनाहों का देवता - 3

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भाग 3 'कौन पम्मी?' 'यह मेरी बहन प्रमिला डिक्रूज!' 'ओह! कब मरी आपकी पत्नी?ï माफ कीजिएगा मुझे भी मालूम नहीं था!' 'हाँ, मैं बड़ा अभागा हूँ। मेरा दिमाग कुछ खराब है देखिए!' कहकर उसने झुककर अपनी खोपड़ी चन्दर के सामने कर दी और बहुत गिड़गिड़ाकर बोला, 'पता नहीं कौन मेरे फूल चुरा ले जाता है! अपनी पत्नी की मृत्यु के बाद पाँच साल से मैं इन फूलों को सँभाल रहा हूँ। हाय रे मैं! जाइए, पम्मी बुला रही है।' पिछवाड़े के सहन का बीच का दरवाजा खुल गया था और पम्मी कपड़े पहनकर बाहर झाँक रही थी। चन्दर आगे बढ़ा