मेरा भारत लौटा दो - 3

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मेरा भारत लौटा दो 3 काव्‍य संकलन वेदराम प्रजापति ‘’मनमस्‍त’’ समर्पण पूज्‍य पितृवरों के श्री चरणों में सादर दो शब्‍द- प्‍यारी मातृभूमि के दर्दों से आहत होकर, यह जनमानस पुन: शान्ति, सुयश और गौरव के उस युग-युगीन आनन्‍द के सौन्‍दर्य की अनुभूति की चाह में अपने खोए हुए अतीत को, पुन: याद करते हुए इस काव्‍य संकलन – ‘’मेरा भारत लौटा दो’’ के पन्‍नों को, आपके चिंतन झरोखों के सामने प्रस्‍तुत कर, अपने आप को धन्‍य मानने