नियति ...can’t change by anybody - 4

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मालिनी देखो, समझने की कोशिश करो मैं तुम्हें प्यार करने लगा हूं, तुम्हें देख कर मैं बहक गया था मुझे माफ कर दो और मेरी प्रयोगशाला है मैं टाइम आने पर तुम्हें दिखाऊंगा अमित ने कहामुझे अभी देखना है वरना मैं आप पर केस कर दूंगी मालिनी बहुत गुस्से में बोली अभी देखना है –अमित हां अभी ही देखना है ॥तो चलो गाड़ी में बैठो अमित ने कहा दोनों फ्लेट से बाहर निकलकर गाड़ी में बैठे,अमितने गाड़ी स्टार्ट की ओर अहेमदाबाद शहर से दूर जाने लगे, अहेमदाबादमे 10 किलोमीटर दूर सुमशान सड़क पर गाड़ी चल रही थी, आसपास कोई इंस