मास्टरजी तुरन्त ही सरोजिनी और जमीनदार को बुलाते हैं। थोड़ी देर बाद सरोजिनी और जमीनदार आ पहुँचते हैं, उनकी खुशी का ठिकाना नहीं था, वो जाकर निशा से मिलते हैं। तो निशा उनको घर चलने का कहती है? तभी जमीनदार और सरोजिनी उसे ले कर बहार आते हैं। तब ये सब देखकर मास्टरजी चुप चाप खड़े हुए थे। पर निशा ने उनकी ओर एक बार भी नहीं देखा, वह सोचते हैं कि ईन चार सालो मे कभी भी देखने तक नहीं आए, आज अपनी बेटी को साथ ले