श्री सूर्यकांत त्रिपाठी निराला व्यक्तित्व और कृतित्व

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व्यक्तित्व और कृतित्व के धनी श्री सूर्य कांत त्रिपाठी निराला अपने नाम के सदृश ही हिंदी साहित्य में भी निराला स्थान बनाए हुए हैं। किसी भी कवि के कृतित्व पर उसके व्यक्तित्व की छाप पडना अवश्यंभावी है यथा नाम तथा गुण के अनुसार ही निराला जी क्रांतिकारी विचारधारा के कवि हैं। बंधन उन्हें किसी भी रूप में पसंद ना था अतः उनकी कविता भी छंद के बंधनों से मुक्त रही उनको स्वच्छंद छंद का आविष्कारक माना जाता है संवेदनशील व्यक्तित्व होने के कारण दलित और पीड़ित वर्ग के प्रति आपकी सदैव ही सहानुभूति रही है और इसी अनुभूति के आधार