अरुण सातले-शब्द गूँज

  • 7.6k
  • 1.8k

अरुण सातले की कविताओं का सँग्रह"शब्द गूँज" शिवना प्रकाशन द्वारा प्रकाशित होकर पिछले दिनों सामने आया है ।इसमें कभी की कुल 77 कविताएं शामिल हैं ।लसंग्रह की अधिकांश कविताएं जनजागृति में लगे एक विचार पूर्ण व्यक्ति की बातें , राजनीतिज्ञों द्वारा दिए जा रहे छलावेऔर उसके कुदरत, मां के प्रति, प्रेम के बारे में विचार इन कविताओं में मुख्य रूप से प्रकट हुये हैँ। यह कविताएं खुद को पढ़वा ले जाती हैं । राजनीतिज्ञ की असलियत दिखाती सौदागर कविता देखिए-नीम बेहोशी में देखें इन सपनों ने बहुत छला है जिन पर किया था भरोसा उन सौदागरों के पास यही कला है (पृष्ठ 46-47)मां पर इस