अनोखा जुर्म - भाग-7

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पीछा सार्जेंट सलीम ने कुछ देर इधर-उधर की बातें करने के बाद हाशना से पूछा, “यह वाकिया कब हुआ था?” “लगभग तीन साल पहले।” हाशना ने बताया। इसके बाद सार्जेंट सलीम और हाशना वहां से उठ आए। दोनों पार्किंग की तरफ बढ़ गए। तभी सार्जेंट सलीम से एक आदमी टकरा गया। इसके साथ ही सलीम ने अपने कोट की जेब पर दबाव सा महसूस किया। वह जब तक कुछ समझता, टकराने वाला आदमी सॉरी बोल कर बाहर की तरफ तेजी से चला गया। उसने पीछे देखे बिना ही सॉरी बोला था। सार्जेंट सलीम उसकी शक्ल नहीं देख सका था। सलीम