दैहिक चाहत - 18

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उपन्‍यास भाग—१८ दैहिक चाहत –१८ आर. एन. सुनगरया, सुखद समय ने शीला के सामान्‍य जीवन में दस्‍तक दी है। जिससे उसकी बेरंग जिन्‍दगी रंगीन हो सकती है, वीरान जीवन के पतझड़ में बहार आ सकती है। उबाऊ दिनचर्या से छुटकारा मिल सकता है। समाज, जात-बिरादरी के निर्धारित नियम, कानून, वरिष्‍ठ ज्ञानियों,