महर्षि वाल्मीकि का शिक्षिकत्वएवं दार्शनिकता

संस्कृत वांग्मय विश्व के उपलब्ध समस्त वांग्मय में प्राचीनतम है संस्कृत भाषा और उसके साहित्य की उत्कृष्टता प्राच्य और पाश्चात्य विद्वान मुक्त कंठ से स्वीकार करते रहे हैं। विश्व की महान एवं प्राचीनतम कृति ऋग्वेद से लेकर संस्कृत भाषा में आध्यावधि अमूल्य ग्रंथों का प्रणयन होता रहा है। रामायण उस परंपरा की बहूमूल्य कृति है इसे तत्कालीन प्रचलित शिक्षा की सबसे बड़ी उपलब्धि या देन कहां जा सकता है जिसने महर्षि वाल्मीकि जैसा महनीय व्यक्तित्व गढ कर तैयार किया। महर्षि वाल्मीकि द्वारा संस्कृत भाषा में विरचित रामायण वस्तुतः एक कालजयी रचना है। महर्षि वाल्मीकि ने अपनी रचना द्वारा परोक्ष रूप