मेरी कविताएँ

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1. बातें बनानाबातें बनाना, हैं सबसे पसंदीदा काम,खूब लगता हैं सुहाना।हम बातें कब नहीं बनाते?हर पहली फुर्सत में,यही काम तो हैं करते।गलती छुपाने के लिए,हमने सीखा बातें बनाना,और दे डाला एक अच्छा सा बहाना।झूठ को सच साबित करने के लिए,हमने सीखा बातें बनाना,हमें न आया ज़िम्मेदारी निभाना।बोहोत की हमने गपशप, फेहलाई अफवाएं,हमने सीखा बातें बनाना,बुरा लगने लगा सारा ज़माना।कुछ मीठी नोक झोंक हुई अपनों के साथ,हमने सीखा बातें बनाना,अब तो किसी तरह, उन्हें हैं मनाना।भोजन न मिले, तो चल जाएगा,हमने सीखा बातें बनानाबातों के बगैर, न सीखा हमने सांस लेना।___________________________________2. दादीमाँ की कहानियांदादीमाँ की कहानियांअब वही है उनकी निशानियांहर एक कहानी