उपन्यास भाग—१५ दैहिक चाहत –१५ आर. एन. सुनगरया, तनया-तनूजा संयुक्त रूप से मोबाइल लगाकर बैठ गईं, ‘’हैल्लो मॉम !’’ ‘’ हॉं बोलो।‘’ शीला ने टोका, ‘’दोनों एक साथ बोल रही हो !’’ ‘’हॉं, साफ सुनाई दे रहा है।‘’ संयुक्त स्वर। ‘’बोलो, स्पष्ट है..........।‘’ शीला