आधुनिक समय में परिवारों का सामूहिक व एकत्रित चलन बिखरा है। संयुक्त परिवार टूटकर एकल परिवार में तब्दील हुआ है। पारिवारिक सामंजस्य स्थापित न हो सका है। इस कारण आज प्रायः हर घर में वृद्ध अकेला है और उनका बेटा अकेला है। ऐसा नहीं है कि घर के बुजुर्ग हमेशा अपने बच्चों पर हावी रहने की कोशिश करते हैं। बुजुर्ग बच्चों के सहयोगी ही बनने में लगे रहते हैं। हो सकता है कि कुछ माँ-बाप हावी होते हों । वे स्वयं को गर्वान्वित महसूस करते हों। ऐसा किसी के सामने वे करते भी होंगे। छोटी उम्र के बच्चों की बात