उपन्यास भाग—१३ दैहिक चाहत –१३ आर. एन. सुनगरया, यौवन-जवानी के सुनहरे समय के मध्य शीला पति से वंचित हो गई। नये-नवेले दाम्पत्य जीवन में अंधियारा छा गया। आसमान टूट पड़ा, समग्र जिम्मेदारियों का बोझ नाजुक कन्धों पर सवार हो गया। ये दायित्व तो किसी तरह परिश्रम पूर्वक पूरे हो जायेंगे,……लेकिन जवान दिल