गरीबी सम्मेलन ( व्यंग्य )

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गरीबी सम्मेलन शहर के एक आलीशान होटल में गरीबी सम्मेलन का आयोजन किया गया है । देश-विदेश से इस क्षेत्र के विशेषज्ञों को आमंत्रित किया गया । अधिकांश विशेषज्ञों ने गरीबों को केवल तस्वीरों में देखा और आंकड़ों में समझा था । उन्हें यह मालूम है कि गरीब राशन की दुकानों से सामान खरीदते हैं । उन्हें आधुनिक लोगों की तरह अधिक कपड़ों की जरूरत नहीं होती । उन्हें मालूम है कि देश में लगभग चालीस करोड़ गरीब रहते हैं । उन्हें यह भी मालूम है कि शहरों में प्रतिदिन बत्तीस रूपये और गांव में छब्बीस