बेटी हुई है अभी नई नई शादी हुई ही थी कि शिव अपनी धर्मपत्नी आस्था से बिना भविष्य सोचे प्रणय मिलन कर बैठा जिससे आस्था का गर्भाधान हो गया। आस्था यूँ तो घरेलु, संस्कारी और गृहकार्यों में दक्ष थी किन्तु शान्त और अन्तर्मुखी व्यक्तित्व की महिला थी। चाँदनी सा सौंदर्य, मीनाक्षी, सुर्ख गुलाबी अधर, आस्था के मुख मण्डल की आभा देखते ही बनती थी शायद इसीलिए शिव अपनी काम वासना पर नियंत्रण न रख सका होगा। शिव एक विदेशी कम्पनी की भारतीय शाखा में प्रबंधक के पद पर कार्यरत था। शिव की मासिकी भी यही कोई 60-70 हज़ार भारतीय रुपया