भूत बंगला - भाग 3

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दिव्य तलवार के मेरे हाथ में आते ही मेरे सब घाव अपने आप ठीक हो गए और मेरे शरीर में नया बल और उत्साह आ गया। मैंने तलवार से चुड़ैल के दोनों पैर भी काट दिए। चुड़ैल पीड़ा से तड़पने लगी। अचानक वह एक सुंदर स्त्री में बदल गई और रो-रो कर मुझसे दया की भीख मांगने लगी। मेरा दिल पिघल गया। मैंने तलवार नीचे कर ली। अचानक चुड़ैल उड़ कर मुझ पर झपटी। वह फिर अपने भयानक रूप में आ गई थी। उसके मुंह में बड़े-बड़े दांत दिख रहे थे। वह अपने मुंह से मेरी गर्दन पर वार करना