मेरा नाम अश्वनी सिंह है। मैंने 10 साल तक अलग-अलग जगहों पर छोटे-बड़े कई काम किए। इसके बाद मैं कुछ धन एकत्र कर पाया। होटल लाइन, बैंक लाइन, टीचिंग लाइन, फ्रीलान्सिंग आदि में मैं निपुण हो गया। किराए के घर में रहता - रहता मैं ऊब गया था। अब मैंने स्वयं का घर खरीदने की सोची। मैंने मित्रों व प्रॉपर्टी डीलर्स से पता किया तो उन्होंने मुझे कई घर दिखाए। आखिर मुझे एक बंगला पसंद आ गया। क्योंकि यह कौड़ियों के दाम बिक रहा था। मैंने इसे खरीद लिया। मैंने घर की साफ सफाई व रेनोवेशन करवाया। आज घर