कई दिनों से अमर की रजनी से बात नहीं हो पा रही थी । उम्र का अर्ध शतक लगाने के बाद उसकी मुुुलाकात आभासी दुनिया में एक आकर्षक महिला रजनी से हुई थी और उसी की पहल पर वह आकंठ उसके प्रेम में डूबता चला गया । दीन दुनिया से बेखबर उसके प्रेम में वह अपनी अच्छी खासी गृहस्थी व दिनचर्या को भी भूला बैठा था । रजनी बड़ी गर्मजोशी से उससे मिलती रही । परस्पर प्रेम भरी अभिव्यक्तियों के साथ उम्र भर साथ निभाने की कसमें खाती रही । अमर ने भी हमेशा उसका साथ निभाने का वादा कर