उपन्यास भाग—९ दैहिक चाहत –९ आर. एन. सुनगरया, देव के दिमाग में दफ़न, अपनी स्वर्गिय पत्नी के यादों का अम्बार ऐसा प्रगट हुआ कि देव को सॉंस लेने की फुरसत नहीं, निरन्तर बताये जा रहा है,……….उसकी तत्कालीन छबि एवं विशेषताऍं........’’तीज-त्यौहार, रस्म-रिवाज, मेहमान-नवाजी, मौहल्ले-बस्ती, पास-पड़ोस के सामूहिक कार्यकलाप या अन्य कोई काम इत्यादि की