...और इंसानियत मुस्कुरा उठी

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कोरोना ने अपने विकराल स्वरूप में पूरे देश में दुबारा दस्तक दे दिया था और हजारों जिंदगियों को लील कर अपने भयानक इरादे का परिचय दे रहा था। पचासी वर्षीय पंडित रामप्रसाद जी पिछले दो तीन दिनों से हल्के बुखार से पीड़ित थे। कभी कभी तेज खाँसी उन्हें जानलेवा महसूस होने लगती। तीन बेटियों व बेटे बहू से समृद्ध उनका परिवार उनकी सेहत को लेकर काफी चिंतित था। कोरोना का चिर परिचित लक्षण उनकी चिंता बढ़ाने के लिए काफी था। अब तो उन्हें साँस लेने में भी समस्या होने लगी थी। उनके उचित इलाज के लिए अस्पताल में एक अदद बेड