कहानी सब्जीपुर की ( भाग -2 )

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साथियों नमस्कार ! इससे पूर्व की कड़ी में आप सभी ने पढ़ा कि किस तरह आलूचन्द और कद्दू कुमारी की सगाई के मौके पर अचानक भिंडी कुमारी की वजह से अच्छा खासा बवाल हो गया और उनकी सगाई का मामला खटाई में पड़ गया। इस सारे फसाद की जड़ पंडित लौकिचन्द को ही माना गया और भिंडी कुमारी तो विवाद के केंद्र में थी ही। कहते हैं तब से ही सब्जीपुर में सत्ता के दो केंद्र बन गए । एक खेमा जो आलूचन्द का समर्थक था जिसमें परवल लाल, मटरू चंद, गोभीदेवी, बैंगनलाल, टमाटर लाल सहित कई लोकप्रिय सब्जियाँ शामिल हैं