दो आशिक़ अन्जाने - 8

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अर्जुन रात भर का सोया नहीं है। अलसायी आँखों से आसपास का मुआयना कर रहा है। कोई छोटा-मोटा क़स्बा है शायद। चिड़ियाँ चहचहाकर नए दिन की सूचना दे रही हैं। रात की कालिमा छँट चुकी है, और आकाश की सफ़ेदी- मिनट दर मिनट बढ़ती जा रही है। लॉकडाउन की वजह से सड़क पर वाहनों की आवाजाही कम है। कोई सज्जन सफ़ेद कुर्ता पहने, मास्क लगाये हुए मद्धम गति से अपनी राजदूत का रौब झाड़ते चल रहे हैं। सिर के आधे बाल उड़ चुके हैं, जो बचे हैं वो हवा में उड़े जा रहे हैं। हर एकाध किलोमीटर पे सड़क के