राधारमण वैद्य-भारतीय संस्कृति और बुन्देलखण्ड - 18

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एक अद्भुत प्रभावी कृति-गुरदयालसिंह का ‘‘परसा’’ ‘ राधारमण वैद्य पंजाब के स्वाभिमान, अक्खड़पन, आत्म गौरव और सधुक्कड़ी स्वभाव को उजागर करता यह ‘‘परसा’’ नामक उपन्यास अपने ढंग का, एक अलग चरित्र चित्रित करता है। इसमें पंजाब के ही एक खण्ड विशेष मालवा क्षेत्र को केन्द्र बनाकर गुरदयाल सिंह ने अपने इस ‘‘परसा’’ की खूबियों को फैलाया है। संतराम का बेटा सरूपे और सरूपे का बेटा परसा अपनी पैतिृक उदारता, सदाशयता और मानवी धर्म का आगे बढ़ाता है। कर्म की गरिमा को वह पहचानता है और जब जो ठीक समझता है/करता है वह इसके लिए यह सोचकर कि लोग